नारियल नारियल के पानी में गुड़ और धनिया मिलाकर सेवन करने से दाह मूत्रकृच्छ रोग ठीक होता है। शहद या गुड़ के साथ खोपरा खिलाने से बच्चों का दुबला-पतला शरीर तगड़ा होता है। ताजे नारियल के खोपरे का रस निकालकर आँच पर उबालकर, तेल निकालकर काली मिर्च को मिलाकर शरीर पर लगाने से वाय जक वायुमुक्त होते है और वात रोग ठीक होता है। नारियल के छिलकों को जलाकर राख बनाकर शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी आना और हिचकी बंद हो जाता है। खोपरे को मूली के रस में घिसकर चूहे के काटे स्थान पर लेप करने से लाभ होता है। नारियल के पानी में ईमली के बीज, शक्कर और इलायची को मिलाकर सेवन करने पर रक्तपित्त और मूत्रकृच्छ रोग में लाभ होता हैं। ताजे नारियल का 10 लीटर पानी निकालकर काढ़ा बनाकर, उसमें जायफल, सौंठ, पीपर, काली मिर्च, जावित्री थोड़ी-सी बुकनी डालकर काँच के बर्तन में रख लें। इसमें से आधा-आधा ग्राम दिन में दो बार सुबह-शाम सेवन करते रहने पर कुछ दिनों में अम्लपित्त, उदरशूल और यकृत वृद्धि दूर होती है। नारियल का पानी, ईमली के पानी,ईमली के बीज, शक्कर और इलायची को मिलाकर सेवन करने पर रक्तपित्त और मूत्र...
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