4 ग्राम फिटकरी पीसकर आधा लीटर गाय के दूध में मिलाकर पीने से
आंतरिक चोट में लाभ होता है।
दाढ़ी बनवाने के बाद फिटकरी को पानी में मिलाकर चेहरे पर लगाने से
त्वचा रोग नहीं होता और जलन दूर होती है।
जिस स्थान पर दीमक या चीटियाँ हो वहाँ पर फिटकरी सरसों के तेल में
मिलाकर डालने से चीटियाँ और दीमक उस स्थान को छोड़ देती हैं।
कान में चींटी घुसने पर फिटकरी को पानी में घोलकर टपकाने से लाभ
होता है।
फिटकरी को पानी में घोलकर कुल्ले करते रहने से मुँह के छले दूर हो जाते हैं।
फिटकरी को पानी में घोलकर पिलाने से सर्प का विष उतर जाता है।
फिटकरी को उबालकर पानी से सूजन और खाज वाले स्थानों को धोने से
लाभ होता है।
1 ग्राम फिटकरी 2 ग्राम चीनी में मिलाकर ज्वर आने से पहले 2-2 घंटे के
अंतर से 2 बार रोगी को सेवन कराने से मलेरिया ज्वर ठीक हो जाता है।
सैंधा नमक और फिटकरी को समान मात्रा में मिलाकर, पीसकर पाउडर
बनाकर मंजन करते रहने पर दाँतों और मुँह का लिबलिबापन ठीक हो जाता है।
आधा गिलास पानी में 5 ग्राम फिटकरी को घोलकर पीने से हैजा रोग ठीक
होता है।
बंद होता है। यदि नकसीर में रक्त आना बंद न हो तो चौथाई चम्मच
फिटकरी पानी में घोलकर दिन में तीन बार पिलाते रहने से रक्तस्त्राव बंद
होता है और फिटकरी पानी में घोलकर कपड़ा भिगोकर ललाट पर रखने से
लाभ होता है। कुछ दिनों में नकसीर रोग दूर हो जाता है।
6 ग्राम पिसी फिटकरी 1 गिलास पानी में घोलकर पीते रहने से कुछ दिनों में
पेशाब का बूंद-बूंद कर आना और जलन में लाभ होता है।
चौथाई चम्मच पिसी फिटकरी पानी से दिन में तीन बार सेवन करने और
फिटकरी पानी में मिलाकर मूत्र मार्ग को गहराई से सुबह-शाम धोते रहने से
श्वेत प्रदर व रक्त प्रदर रोगों में लाभ होता है।
बिच्छू के काटे स्थान पर फिटकरी को पानी में पीसकर, लेप करने से विष
का प्रभाव दूर हो जाता है।
मोस्ट वेलकम है आपका
ReplyDeleteOk, sir
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